Hi, friends! Here's sharing my recent news story published in the "Info India", the islands' first colour Hindi Daily, with you all. Enjoy the read and do let me know of your views on the same, as well. Cheers!
पोर्ट ब्लेयर, 26 सितम्बर/- आज विश्व पर्यटन दिवस है! द्वीपसमू,ह में प्रति वर्ष इस दिन को विशेष कार्यक्रमों के आयोजन के साथ राज्य स्तर पर मनाया जाता है! द्वीप प्रशासन की ओर से इस अवसर पर हर वर्ष द्वीपों में पर्यटन के क्षेत्र में प्रशासन द्वारा चलाई जा रही विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों एवं कार्यक्रमों के सम्बन्ध में सूचनाएँ जारी की जाती हैं! इस वर्ष, इस अवसर पर प्रशासन द्वारा द्वीपों में पर्यटन के क्षेत्र में तेज़ी से विकास करने के उद्देश्य से 10 जून को मलेशियन कंपनी, रीकॉंन पी.एम्.एम्. प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौते के रूप मेंऐतिहासिक वाइपर द्वीप में शुरू की गयी 50 बर्थों वाली यॉट मरीना और 30 बिस्तरवाले थ्री स्टार होटल वाली परियोजना एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम के रूप में सामने आई है! विरोध की पुरज़ोर आवाज़ें उठने के बावजूद, द्वीपों में पर्यटन के विकास को विशाल स्तर पर और तेज़ करने को प्रतिबद्ध प्रशासन ने वाइपर द्वीप पर इस महत्वाकाँक्षी परियोजना को हरी झंडी देने में देर नहीं की!
तम्बू के ग़ायब होने के बाद के ताज़े दृश्य में सुभाष चन्द्र प्रेस क्लब के महासचिव, श्री श्याम सिंह यादव
इस अहम् परियोजना का विरोध करने वाली विभिन्न संस्थाओं में से एक दल है पोर्ट ब्लेयर का सुभाष चन्द्र प्रेस क्लब, जिसके कार्यकर्ता और सदस्य पिछले क़रीब आठ महीनों से नियमित रूप से इस परियोजना का घोर विरोध करते हुए सचिवालय के मुख्य द्वार के पास बने मैदान पर लगातार धरना प्रदर्शन किये जा रहे हैं! इस वर्ष 5 मार्च को शुरू किये गए इस धरने के पाँच दिन के भीतर ही प्रशासन की ओर से कुछ बड़े अधिकारियों ने उनसे इस सम्बन्ध में बातचीत की थी, परन्तु अपनी माँगें न माने जाने के कारण, ये लोग तब से लेकर आज तकछुट्टी के दिनों को छोड़, रोज़ाना सुबह से शाम तक यहाँ धरना प्रदर्शन करते आ रहे हैं!
इस बीच, अचानक हुए एक घटनाक्रम में, रोज़ की ही तरह, जब इस मंगलवार को ये लोग धरना-स्थल पर पहुँचे, तो इन्होंने वहाँ लगे अपने तम्बू को ग़ायब पाया! ताज्जुब एवं रोष से भरे सुभाष चन्द्र प्रेस क्लब के महासचिव, श्री श्याम सिंह यादव ने तुरंत अबरडीन थाने में इस मामले की शिक़ायत दर्ज़ कराई! पुलिस ने मौक़े पर पहुँच सचिवालय के मुख्य द्वार पर तैनात सुरक्षा गार्डों से पूछताछ की तो गार्डों ने 24 सितम्बर को शाम क़रीब छः बजे से रात नौ बजे के बीच तम्बू के ग़ायब होने की घटना घटी होने की आशंका ज़ाहिर की, जब रोज़ाना की ही तरह, शाम छः बजे अपना तम्बू वहीं छोड़कर ये प्रदर्शनकारी वहाँ से जा चुके थे!
तम्बू ग़ायब होने से पहले धरने के दृश्य में सांसद
प्रेस क्लब के महासचिव श्री यादव ने इस अप्रत्याशित घटना के पीछे प्रशासन पर आरोप लगाते हुए सवाल खड़ा किया है कि पिछले आठ महीनों से जिस तम्बू को कोई आँच नहीं आई, उसे अचानक से सचिवालय जैसे सुरक्षित इलाक़े से आसमान खा गया या ज़मीन निगल गयी! उनका कहना है कि उनका यह विरोध-प्रदर्शन सीधे प्रशासन के ख़िलाफ़ है, इसलिए प्रशासन ने ही तम्बू पर हाथ साफ़ किया है! इस पर, पुलिस का कहना है कि सचिवालय के सुरक्षाकर्मी वहाँ उनके तम्बू की सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि सचिवालय की सुरक्षा के लिए तैनात रहते हैं! अपने साज़-ओ-सामान की रखवाली करना उनका स्वयं का काम है!
फ़िलहाल, आज बिना तम्बू के ही उनका धरना-प्रदर्शन बाकायदे जारी रहा! गौरतलब है कि इस मामले में इस प्रेस क्लब को द्वीपों के सांसद का भी पूरा समर्थन प्राप्त है! अतः अब देखना यह है कि इस सारे प्रकरण के बारे में सांसद की क्या प्रतिक्रिया रहती है और आखिरकार, अचानक ग़ायब हुए इस तम्बू की गुत्थी कब और कैसे सुलझती है!
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